अलवर 01 दिसंबर (वार्ता): राजस्थान में अलवर की कपास की विदेशो में मांग होने के कारण इस बार कपास के भाव में तेजी है और यहां के किसानों को इसमें काफी फायदा साबित हो रहा है। अलवर में इस साल पिछले साल की तुलना में कपास की बुवाई ज्यादा की गई।अलवर के कपास की डिमांड अमेरिका चाइना और यूएसए सहित कई देशों में होने के कारण कपास में तेजी है और इसी तेजी के चलते किसानों ने फायदा लेने के लिए कपास को बेचने से रोका हुआ है।
अलवर कृषि उपज मंडी समिति के क्षेत्रीय उपनिदेशक इसाक हारून ने बताया कि अलवर खंड में पिछले साल की तुलना में इस साल कपास अधिक बुवाई की गई है। पिछले साल 123500 क्विंटल पैदावार थी जहां इस साल 51000 क्विंटल बढ़कर 177000 क्विंटल पैदावार हुई है एवं भाव अच्छे हैं। उन्होंने बताया कि अलवर की मंडी में इन दिनों 8000 से लेकर 8400 प्रति क्विंटल कपास बिक रही है और विदेशों में भी इस कपास की मांग है और एक्सपोर्ट की जा रही है।
हल्की क्वालिटी की कपास इंडियन मिल में चली जाती है। अच्छी कपास बाहर जा रही है। कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष सुरेश जलालपुरिया ने बताया कि विगत साल की तुलना में इस साल पैदावार अधिक है और भाव भी अच्छे हैं। पिछले साल इसके 6000 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव थे जो इस साल 8000 से 9000 प्रति क्विंटल भाव चल रहे हैं। विदेशों में इस साल कपास की काफी डिमांड है। यह फसल धीरे-धीरे बाजार में आ रही है और आवक भी बढ़ती जा रही है।
केडलगंज व्यापार संचालन समिति के पूर्व अध्यक्ष अनिल गुप्ता ने बताया कि यहां कपास खुली बोली के माध्यम से बिक रही है। बाहर के व्यापारी खरीदने आ रहे हैं और अमेरिका यूएसए चाइना में इसकी डिमांड ज्यादा है। इसलिए अलवर की कपास भी एक्सपोर्ट हो रही है । इस समय मंडी में 2000 पोट प्रतिदिन आ रहे हैं जिसके भाव 9000 रुपए तक हैं। इस साल 1000 रुपए की तेजी कपास में देखी गई है। किसानों ने भी अपना माल अभी रोका हुआ है।उनको यह उम्मीद है कि भाव में तेजी आएगी क्योंकि विदेश में कपास एक्सपोर्ट होने के कारण इसकी डिमांड इस वक्त बहुत ज्यादा है।