मोहाली/ चंडीगढ़, 01 दिसंबर (वार्ता): देश में एचआईवी पॉजिटिव लोगों की संख्या 24 लाख से ज्यादा है और पंजाब (Punjab) में नब्बे हजार के करीब है।
यह जानकारी प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, चेतन सिंह जोड़ामाजरा ने स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में दी।
उन्होंने कहा कि दिवस का इस वर्ष का थीम है, “बराबरी“। सभी को समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार है। इस लिए हम सभी को उन असमानताओं को समाप्त करने की आवश्यकता है, जो एड्स को रोकना कठिन बनाती हैं।
उन्होंने कहा कि एचआईवी एक ऐसा वायरस है, जो किसी को तब तक प्रभावित नहीं करता, जब तक कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आता। उन्होंने कहा कि देश में एचआईवी का पहला मामला 1986 में सामने आया था और उस समय कोई भी सोच नहीं सकता था कि यह बीमारी इतनी बड़ी समस्या बन जाएगी। आज यह बीमारी एचआईवी से ग्रस्त मरीजों के लिए परेशानी है, इसके साथ साथ सामाजिक और आर्थिक समस्या को बढ़ा रही है।
मंत्री ने बताया कि देश में लगभग 24 लाख एक हजार के करीब एचआईवी पॉजिटिव हैं। के मरीज हैं पंजाब में 89 हजार 979 एचआईवी पॉजिटिव दर्ज हुए हैं, जिन्हें दवाई के लिए एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) से जोड़ा जा रहा है।
जौड़ामाजरा ने कहा कि जागरुकता ही एचआईवी का इलाज है, इसलिए राज्य में 6057 सरकारी स्कूलों और 700 कॉलेजों में 14-24 साल की युवा पीढ़ी के लिए विभिन्न गतीविधियां चलाई जा रही हैं। इनके साथ साथ अन्य मीडिया के ज़रीए लोगों को जागरुक किया जाता है। एचआईवी ग्रस्त लोगों को स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों की तरफ से चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा स्कीमों के साथ जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मरीजों के मुफ्त टेस्ट और काउंसलिंग के लिए पंजाब के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में 1069 इंटीग्रेटेड काउंसलिंग टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) चलाए जा रहे हैं। जांच में पाज़ीटिव पाए गए मरीजों के लिए मुफ्त इलाज के लिए पंजाब में 19 एआरटी केंद्र चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एचआईवी ग्रस्त व्यक्ति लगातार नियमित ढंग से दवाई लेकर लंबी ज़िंदगी व्यतीत कर सकता है। ज्यादा जोखिम वाले लोगों को एचआईवी/एड्स से बचाने के लिए पंजाब में 64 टारगेटिड प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। इनके साथ साथ टीके के साथ नशा करने वाले लोगों को एचआईवी/एड्स से बचाने के लिए पंजाब में 41 ओएसटी सेंटर चलाए जा रहे हैं। इन सेंटरों पर टीके के साथ नशा लेने वाले मरीजों को रोज़ाना स्वास्थ्य कर्मचारियों की निगरानी में दवाई दी जाती है ताकि उन्हें नशे की बीमारी से बचाया जा सके।
पंजाब में सुरक्षित खून के लिए 161 ब्लड सेंटर चलाए जा रहे हैं, जिनमें दान किए गए खून का बाकी परीक्षण के साथ एचआईवी का टेस्ट भी किया जाता है। राज्य में 31 यौन जनित रोगों से बचाव के क्लीनिक चलाये जा रहे हैं क्योंकि गुप्त रोगों के साथ पीड़ित मरीजों को एचआईवी होने की आशंका बढ़ जाती है।
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