उदयपुर 01 जनवरी (वार्ता): राजस्थान के उदयपुर में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ में रविवार को मंचित नाटक ‘हंसूली’ में सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों को दर्शाया गया।
शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में आयोजित रंगशाला में राजकुमार शाह द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक ‘हँसुली’ का मंचन किया गया। ‘‘हंसुली’’ नाटक का कथासार नाटक ‘‘हँसुली’’ सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों पर भौतिकता के उस रंग रोगन को दर्शाता है जिससे आज परिवार में आपसी रिश्ते तार तार हो रहे है। ‘
‘हँसुली’’-सिर्फ एक आभूषण नहीं वरन परिवार की सत्ता का सूचक भी है। इसीलिए माया अपनी सास चिन्ता से उसे किसी भी दशा में पाना चाहती है, क्योंकि वह परिवार की परम्परा, मान सम्मान और संस्कारों का प्रतीक है। माया की छटपटाहट उसी पारिवारिक विरासत को सहेजे रखने की है। नाटक अपने कथ्य में भारतीय परिवारों में भौतिकता के कारण आयी मूल्यों की गिरावट को सहजता से अभिव्यक्त करता नजर आया।
प्रस्तुति में कलाकारों का तारतम्य तथा संवाद अदायगी दर्शकों को खूब भाई वहीं कई दृश्य हृदय स्पर्शी बन सके।
नाटक के कलाकारों में स्वयं राजकुमार शाह ने कथा वाचक केी भूमिका का निर्वाह किया एक अन्य अभिनेत्री रिम्पी वर्मा ने माया के किरदार को बखूबी निभाया।