लखनऊ, 02 जनवरी (वार्ता)- उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के सभी 70 जिलों में एक लाख 10 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती का विस्तार करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि उत्तर प्रदेश जैविक खेती के लिए भरपूर बुनियादी सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। सरकार इन सुविधाओं में लगातार विस्तार भी कर रही है। मसलन जैविक खेती का मुख्यालय नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फॉर्मिंग (NCOF) गाजियाबाद में स्थित है। देश की सबसे बड़ी जैविक उत्पादन कंपनी उत्तर प्रदेश की ही है। यहां प्रदेश के एक बड़े हिस्से में अब भी परंपरागत खेती की परंपरा है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए इसके किनारों पर जैविक खेती की संभावनाओं को और बढ़ा देती है।
2017 के जैविक खेती के कुंभ के दौरान भी एक्सपर्ट्स ने गंगा के मैदानी इलाकों को जैविक खेती के लिए आरक्षित करने की संस्तुति की गई थी। उन्होने बताया कि जापान के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक मासानोव फुकुओका 100 साल पहले साबित कर चुके हैं कि लंबे समय के प्रयोग की वजह से हमारे खेतों को उर्वरकों की आदत पड़ गई हैं। कीटनाशक डालने से कीटों में उनके प्रति प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो गई है। आप उर्वरक न डालिए। खेत कुछ समय के लिए रूठकर मान जाएंगे। फसलें धीरे-धीरे कीटों एवं रोगों के प्रति प्रतिरोधी क्षमता विकसित कर लेंगी।
चरणबद्ध रूप से कृषि विज्ञान केंद्रों पर टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाएंगे- योगी
यह स्थाई एवं शाश्वत हरित क्रांति होगी। हाल ही में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने प्राकृतिक खेती का जिक्र करते हुए कहा,राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए नियोजित प्रयास कर रही है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जैविक और प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित कराए जाएं। चरणबद्ध रूप से कृषि विज्ञान केंद्रों पर टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाएं। इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को जैविक खेती के लिहाज से भारत का हब बनाना चाहते हैं। इसकी खासी संभावना भी है। दरअसल जिस इंडो गंगेटिक बेल्ट का शुमार दुनियां की उर्वरतम भूमि में होता है।इसका अधिकांश हिस्सा उत्तर प्रदेश में ही आता है।
वर्ष पर्यंत बहने वाली गंगा, यमुना, सरयू जैसी नदियां और हर तरह की खेतीबाडी के लिए उपयुक्त नौ तरह की जलवायु के कारण उत्तर प्रदेश ऐसा करने में सक्षम है। इस बाबत लगातार प्रयास भी जारी हैं। इन प्रयासों के क्रम में हाल ही में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुचाने के उद्देश्य से राज्य के 70 जिलों में 110000 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ करने जा रही है।
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