आतंक प्रभावित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पुलिस को दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है। आतंक के साथ अपराध पर भी अंकुश लगाने की चुनौती पुलिस पर रहती है। प्रदेश की शीतकालीन राजधानी जम्मू में एक तरफ अपराध की सबसे अधिक वारदातें होती है। इसके साथ ही वहीं, जम्मू पुलिस इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कोर कसर नहीं छोड़ रही।
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बीते करीब डेढ़ वर्ष में जिला जम्मू पुलिस ने अवैध हथियार रखने वाले ९७ लोगों को दबोचा कर शहर होने वाली कई बड़ी वारदातों को टाला है।
बीते कुछ समय में जम्मू में कई शातिर गिरोहों ने अपने जड़े बनाने की कोशिश की है, ताकि वे फिरौती, अपहरण, सुपारी कीलिंग जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया जा सके।
जानकारी के अनुसार पुलिस ने इस दौरान भारी मात्रा में देसी कट्टे, १२ बोर की पिस्तौल के अलावा तेजधार हथियारों को भी जब्त किया। इस दौरान कई ऐसे नेटवर्क भी ध्वस्त किए गए है जो बाहरी राज्यों या जेल के भीतर से चलाए जा रहे थे।
अवैध हथियार रखने वालों की धर पकड़ करने के लिए एसएसपी जम्मू चंदन कोहली के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनी हुई। जिनका काम उन लोगों पर नजर रखना और उनकी धर पकड़ करना है जो अवैध हथियारों का प्रयोग कर वारदातों को अंजाम देते है।
जेल से चल रहे फिरौती के धंधे का भंडाफोड़ किया था : जम्मू पुलिस ने शहर के बड़े व्यापारियों और ठेकेदारों को जान मारने की धमकी देने और दहशत फैलाने के मकसद से उनके घरों पर हमला करने वाले एक गिरोह बीते वर्ष भंडाफोड़ किया था।
पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि रसूखदार लोगों से फिरौती मांगने का यह धंधा देश की सबसे संवेदनशील जेलों में शामिल कोट भलवाल जेल से चल रहा था। इस गिरोह को हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध हथियार रखने का आरोपित रायल सिंह कोट भलवाल में बंद रह कर चला रहा था।
जम्मू पुलिस ने इस नेटवर्क में शामिल सभी पांच लोगों को गिरफ्तार कर उनसे १५ देसी कट्टे बरामद किए थे।
जिले में अपराध मुक्त और शांति स्थापित रखने के लिए लोगों का सहयोग जरूरी है। आम शहरी पुलिस के आंख व कान है।
उनसे मिलने वाली सूचनाओं से ही पुलिस अपराध पर अंकुश लगा सकती है। जम्मूवासी पुलिस को पूरा सहयोग देते रहे है, जिस कारण से पुलिस शहर में होने वाली बड़ी वारदातों और गैंगवार को टालने में कामयाब रही है। यह सब जानकारी चंदन कोहली, एसएसपी जम्मू द्वारा दी गई।
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