IIT-Madras (02 जनवरी): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-मद्रास) देश की राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा जरूरतों के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ संयुक्त रूप से एक अनुसंधान केंद्र का संचालन कर रहा है।
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आईआईटी-मद्रास ने हालांकि आज यहां जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि डीआरडीओ द्वारा स्थापित इस केंद्र को अब आईआईटी मद्रास ने अपने नियंत्रण में लेकर एक अंतर्विषयक अनुसंधान समूह ‘उत्कृष्टता केंद्र (सीओई)’ में परिवर्तित किया है और इसका उद्देश बुनियादी शोध में परिणामाें का अनुवाद करना है।
डीआरडीओ इंडस्ट्री एकेडेमिया- रामानुजन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
उन्होंने कहा कि ‘डीआरडीओ इंडस्ट्री एकेडेमिया- रामानुजन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ (डीआईए-आरसीओई) कहे जाने वाले इस केंद्र की स्थापना रक्षा और सुरक्षा के लिए उन्नत तकनीकों में निर्देशित अनुसंधान करने और अत्याधुनिक विकसित करने वाला एक विश्व स्तरीय अनुसंधान केंद्र बनाने के लिए की गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में भी एक बड़ा योगदान देगा।
आईआईटी-मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि ने कहा, “यह हमारे देश की महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर प्रौद्योगिकियों को सहयोग और विकसित करने के लिए शिक्षा, उद्योग और डीआरडीओ को एक साथ लाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। विशेष रूप से, यह इस महत्वपूर्ण राष्ट्र निर्माण गतिविधि में भाग लेने के लिए स्टार्ट-अप और एमएसएमई के लिए अपनी तरह का पहला अवसर प्रदान करेगा।”